जल

Filed under: by: vinay sehra

जल

जल जल के ही तो सीखा है जल ने
जलती आग बुझाना
क्या ख़ाक जलेगा तू जल-सा
राख तूने है बन जाना |


पूछा था एक दिन मैंने जल से
कैसे थी आग बुझाई
वीर और पौरुषता की
उसने थी कथा सुनाई|


इंसानियत का उसने वो
नंगा नाच दिखाया था
इन्सान होने का दंभ उसी दिन
चूर चूर हो आया था|


जल ने बताया था जो मुझको
लो आज तुम्हें बतलाता हूँ
जल की जो सत्य कहानी है
उसी की ज़बानी सुनाता हूँ:-

पैसे के भूखे भेड़िये जब तूने
अपनी बहु को आग लगाई थी
जलती हुई लक्ष्मी देख तुझे
ज़रा भी लज्जा ना आई थी
तूने उसके संस्कारों को तब
कागज़ के टुकडो से तौला था
उस बेसहारा बेकसूर को
अग्नि परीक्षा के लिए छोड़ा था

तड़पती उस मासूम को देख
आँख मेरी भर आई थी
और उसकी जान बचाने को
मैंने खुद को आग लगायी थी|


भोग-विलासिता का जीवन जीता है
खुद को राजा बतलाता है
घर को जिस बिजली से रोशन करता
उसी से जब तेरा घर जल जाता है
रोता बिलखता है तब तू
दिवालिया तक हो जाता है
माँ बच्चो को गले लगा
तू अपना दुखड़ा गता है
हर किसी के आगे पीछे
दया के लिए चिल्लाता है
कल तब जिसको पाँव की मिटटी समझा
उसी को माथे का तिलक बनाता है|
तेरी ऐसी दशा देख के
दया सिर्फ मुझको ही आई थी
और तेरी जान बचाने को मैंने
खुद को आग लगाई थी|


अराजकता और साम्प्रदायिकता की

जब तूने चिंगारी भड़काई थी

धर्म के नाम पर धरती माँ के

आँचल में आग लगाई थी

खैर कहाँ थी गरीब के खेतों की

ऊँची इमारतों तक को दफनाया था

अपने धर्म की रक्षा के नाम पे

दूसरों को तूने काट खाया था

मेरी धरती माँ के सीने पे

लाखों तलवारें चलवाई थी

मेरे होते हुए तूने खून की नदियाँ बहाई थी|

इस नरसंहार में, इस धधकती आग में

जलती तेरी माँ-बहन पर जब

किसी को लज्जा ना आई थी

तेरे कुनबे की अस्मत तब

मैंने ही बचाई थी

मैंने खुद को आग लगाई थी|

पूछता है फिर भी तू मुझसे

ये बाढ़ क्यों त्राहि मचाती है

अरे! रोता है मेरा भी हृदय

कभी-कभी आँख मेरी भी भर आती है|

3 comments:

On September 24, 2009 at 9:06 AM , Yogesh Verma Swapn said...

umda rachna.

 
On November 27, 2009 at 10:44 AM , Nishant Choudhary said...

Cummon yaar ab to paani se complex feel hone laga hai,great work....
Nishant Choudhary.....

 
On February 11, 2010 at 12:35 AM , parteep said...

bhuuka kutta ke rachaiyta...prasidh kavi..mr. VINEY SEHRA..inki udaan bahut (igtn) hai..hum iske ga;lat kamo ka yaha jikkar ni kar sakte...par ladka accha kavi hai....
iske NALAYAK ZIMMEDAR DOST...MOLLAR.CHINTU